Changes in the rules of PM Housing Scheme, know who will not get the benefit Housing Scheme Update

पीएम आवास योजना के नियमों में हुआ बदलाव, जानें किसे नहीं मिलेगा लाभ आवास योजना अपडेट Changes in the rules of PM Housing Scheme, know who will not get the benefit Housing Scheme Update

awasyojana

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आवास योजना अपडेट: महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार ने अहम फैसला लिया है। योगी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के नियमों में अहम बदलाव किया है। इन नए नियमों के मुताबिक अब इन योजनाओं के तहत दिए जाने वाले मकान सिर्फ महिला मुखिया के नाम पर ही स्वीकृत होंगे। यह फैसला राज्य सरकार के मिशन शक्ति अभियान की दिशा में उठाया गया सराहनीय कदम है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

योगी सरकार के फैसले का विवरण

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस अहम फैसले की घोषणा की है और संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। श्री मौर्य ने स्पष्ट किया है कि कुछ अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत सभी नए मकान अब सिर्फ महिला मुखिया के नाम पर ही स्वीकृत किए जाएंगे। महिलाओं में स्वामित्व की भावना पैदा करने और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है।

पूर्व स्वीकृत आवासों के लिए नया नियम

एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि पुरुष मुखिया के नाम पर पहले से स्वीकृत आवासों में अब महिला मुखिया का नाम अनिवार्य रूप से जोड़ा जाएगा। इस प्रकार, पहले से स्वीकृत आवासों में भी महिलाओं के अधिकार सुनिश्चित किए जा रहे हैं। यह कदम महिलाओं के संपत्ति अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया एक सकारात्मक कदम है, जिससे महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत वर्तमान आंकड़े

ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 40.14 प्रतिशत आवास महिला मुखिया के नाम पर पहले से ही स्वीकृत हैं। इसके अलावा, 51.74 प्रतिशत आवास पति और पत्नी के संयुक्त नाम पर स्वीकृत किए गए हैं। इस प्रकार, कुल 91.87 प्रतिशत आवास पहले से ही महिला मुखिया या पति और पत्नी दोनों के नाम पर दिए जा चुके हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि राज्य सरकार पहले से ही महिलाओं के हित में काम कर रही है।

मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के आंकड़े

मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत भी महिलाओं के नाम पर मकान स्वीकृत करने का चलन देखा जा सकता है। इस योजना के तहत 29.25 प्रतिशत मकान महिला मुखिया के नाम पर तथा 37.78 प्रतिशत मकान पति-पत्नी के संयुक्त नाम पर स्वीकृत किए गए हैं। इस प्रकार कुल 67.03 प्रतिशत मकान महिलाओं के स्वामित्व में आ गए हैं। नए नियम के लागू होने के बाद यह प्रतिशत और बढ़ने की संभावना है।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया कदम

योगी सरकार का यह फैसला महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इस फैसले के पीछे मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र और सशक्त बनाना है। जब घर की मालकिन महिला होगी तो उसे समाज में अधिक सम्मान और अधिकार मिलेंगे। इससे महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे समाज की मुख्यधारा से अधिक जुड़ेंगी।

फैसले का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

इस फैसले का सामाजिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। सामाजिक स्तर पर यह फैसला महिलाओं की स्थिति को मजबूत करेगा और उन्हें परिवार में अधिक निर्णय लेने की शक्ति देगा। आर्थिक स्तर पर जब महिलाओं को संपत्ति का अधिकार मिलेगा तो वे आर्थिक गतिविधियों में अधिक भाग ले सकेंगी और परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगी।

मिशन शक्ति अभियान और इसका महत्व

योगी सरकार का यह फैसला मिशन शक्ति अभियान के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन सुनिश्चित करना है। मिशन शक्ति अभियान के तहत सरकार महिलाओं के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं और कार्यक्रम चला रही है। आवास योजनाओं में यह बदलाव इस अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

महिलाओं के लिए संपत्ति के अधिकार का महत्व

संपत्ति के अधिकार महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता और सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। जब महिलाओं के पास अपना घर होगा, तो वे आर्थिक असुरक्षा और पारिवारिक दबाव से मुक्त होंगी। इससे उन्हें अपने जीवन के बारे में निर्णय लेने में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी और वे अपने परिवार के कल्याण के लिए अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकेंगी।

योगी सरकार का यह निर्णय महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय पहल है। इससे न केवल महिलाओं को संपत्ति का अधिकार मिलेगा, बल्कि उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति भी ऊपर उठेगी। यह निर्णय महिलाओं में स्वामित्व की भावना पैदा करेगा और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ेगा। उम्मीद है कि इस तरह के और भी कदम उठाए जाएंगे, ताकि महिलाएं सर्वांगीण विकास कर सकें और समाज में अपना उचित स्थान पा सकें।

अस्वीकरण

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रस्तुत किया गया है और इसमें दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है। योजनाओं की शर्तें समय-समय पर बदल सकती हैं, इसलिए पाठकों से अनुरोध है कि सटीक और अद्यतन जानकारी के लिए संबंधित सरकारी विभागों या आधिकारिक वेबसाइटों से संपर्क करें। लेख में व्यक्त विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं और किसी व्यक्ति, संस्था या समूह को प्रभावित करने का इरादा नहीं है।

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