Gold Price: अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है. पिछले कुछ दिनों से सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही थी, लेकिन आज यानी 30 अप्रैल 2025 को इस पावन पर्व पर सोने की कीमत में गिरावट आई है. निवेशकों और खरीदारों के लिए यह खबर राहत भरी है, क्योंकि भारतीय परंपरा के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. इस गिरावट का फायदा उठाते हुए आज सोना खरीदना एक अच्छा निवेश साबित हो सकता है.
आज के सोने के भाव
बुधवार, 30 अप्रैल 2025 को 22 कैरेट सोने की कीमत करीब 89,700 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि 24 कैरेट सोने की कीमत करीब 97,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रही है. यह कल के मुकाबले करीब 100 रुपये की गिरावट दर्शाता है. इसके साथ ही चांदी की कीमत भी 1,00,000 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ गई है, जिसमें कल के मुकाबले 500 रुपये तक की गिरावट देखने को मिल रही है। सोने-चांदी में निवेश करने वालों के लिए यह समय फायदेमंद हो सकता है।
प्रमुख शहरों में सोने की मौजूदा कीमतें
देश के अलग-अलग प्रमुख शहरों में सोने की कीमत में थोड़ा अंतर देखने को मिल रहा है। दिल्ली में 22 कैरेट सोने की कीमत 89,990 रुपये और 24 कैरेट 98,040 रुपये प्रति 10 ग्राम है। मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में 22 कैरेट सोना 89,750 रुपये और 24 कैरेट 97,910 रुपये प्रति 10 ग्राम पर मिल रहा है। जयपुर, नोएडा, गाजियाबाद और लखनऊ में 22 कैरेट सोने की कीमत 89,990 रुपये और 24 कैरेट 98,010 रुपये प्रति 10 ग्राम है। बेंगलुरु और पटना में भी सोना 89,750 रुपये (22 कैरेट) और 97,910 रुपये (24 कैरेट) प्रति 10 ग्राम की दर से उपलब्ध है।
अक्षय तृतीया का महत्व और सोना खरीदना
अक्षय तृतीया को हिंदू कैलेंडर के अनुसार बेहद शुभ दिन माना जाता है। इस दिन की गई खरीदारी और शुरू किए गए काम को अक्षय यानी कभी न खत्म होने वाला माना जाता है। परंपरागत रूप से इस दिन सोना और चांदी खरीदना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यही वजह है कि इस दिन ज्वेलरी शोरूम और सर्राफा बाजारों में भारी भीड़ देखी जाती है। यह दिन निवेशकों के लिए सोने में निवेश करने का एक अच्छा मौका है, खासकर तब जब कीमतों में गिरावट आती है।
सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण
सोने की कीमतों में बदलाव के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। फिलहाल अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव का असर सोने की कीमतों पर देखने को मिल रहा है। इसके अलावा सोने पर टैक्स को लेकर चल रही बहस भी कीमतों को प्रभावित कर रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की मांग और आपूर्ति का संतुलन, वैश्विक आर्थिक स्थिति और विभिन्न देशों की मौद्रिक नीतियां भी सोने की कीमतों को प्रभावित करती हैं। भारत में रुपये के मूल्य में उतार-चढ़ाव भी सोने की कीमतों को प्रभावित करता है।
भविष्य में सोने की कीमत का पूर्वानुमान
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर अंतरराष्ट्रीय स्थितियां सामान्य रहीं तो अगले छह महीनों में सोने की कीमत गिरकर 75,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ सकती है। हालांकि, अगर अमेरिका और चीन के बीच तनाव और बढ़ता है तो सोने की कीमत 1,38,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकती है। इस प्रकार, आने वाले महीनों में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव की संभावना है और यह अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर निर्भर करेगा।
निवेश के तौर पर सोने का महत्व
सोना सिर्फ़ आभूषण ही नहीं बल्कि एक सुरक्षित निवेश माध्यम भी है। आर्थिक अनिश्चितता के दौर में सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है। यह महंगाई से सुरक्षा प्रदान करता है और लंबे समय तक अपना मूल्य बनाए रखता है। सोना भारतीय परिवारों में सिर्फ़ धन संचय का साधन ही नहीं है, बल्कि इसका सांस्कृतिक और पारिवारिक महत्व भी है। शादियों और त्यौहारों के दौरान सोने की मांग में ख़ास इज़ाफ़ा होता है, जिसका असर इसकी कीमतों पर पड़ता है।
चांदी की कीमतों में भी गिरावट
अक्षय तृतीया के दिन सिर्फ़ सोना ही नहीं बल्कि चांदी की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिल रही है। आज चांदी 1,00,000 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर मिल रही है, जो कल के मुकाबले 500 रुपये कम है। चांदी निवेश के लिए भी एक अच्छा विकल्प है और अक्षय तृतीया पर इसकी खरीदारी भी शुभ मानी जाती है। कारोबारी उद्देश्यों के अलावा चांदी का इस्तेमाल औद्योगिक और चिकित्सा क्षेत्रों में भी होता है, जिससे इसकी मांग बनी रहती है।
सोने की कीमत कैसे तय होती है
सोने की कीमत तय करने में कई कारक भूमिका निभाते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत, भारतीय रुपये की विनिमय दर, सरकार द्वारा लगाए गए कर और शुल्क तथा स्थानीय मांग-आपूर्ति संतुलन – ये सभी सोने की कीमत को प्रभावित करते हैं। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े सोने के उपभोक्ता भारत में सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार से प्रभावित होती हैं, लेकिन स्थानीय कारक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
शादी के मौसम में सोने की बढ़ती मांग
शादी के मौसम में सोने की मांग काफी बढ़ जाती है। भारतीय परिवारों में शादी के अवसर पर दुल्हन को सोने के आभूषण उपहार में देने की परंपरा है, जिससे इस समय सोने की बिक्री में उछाल आता है। इसके अलावा नवरात्रि, दिवाली और अक्षय तृतीया जैसे त्योहारों पर भी सोने की खरीदारी बढ़ जाती है। इस मौसमी मांग का सोने की कीमतों पर अस्थायी प्रभाव पड़ सकता है, खासकर स्थानीय बाजारों में।
अस्वीकरण
इस लेख में दी गई जानकारी 30 अप्रैल 2025 तक की स्थिति पर आधारित है। बाजार की स्थिति के अनुसार सोने की कीमतें लगातार बदलती रहती हैं। निवेश संबंधी निर्णय लेने से पहले मौजूदा बाजार की स्थिति की जांच करें और वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। सोने में निवेश करने से पहले अपने जोखिम और वित्तीय लक्ष्यों का मूल्यांकन करें।