How much will dearness allowance increase after being merged with basic salary

बेसिक सैलरी में मर्ज होने के बाद कितना बढ़ेगा महंगाई भत्ता, सैलरी होगी दोगुने से भी ज्यादा DA Merger


DA Merger:  केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में बदलाव एक बड़ी खबर है। इन बदलावों का असर देश के करीब 1.2 करोड़ सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर पड़ेगा। यह अब तक का सबसे बड़ा अपडेट माना जा रहा है जिसका सीधा असर कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा। इन बदलावों के जरिए सरकार कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई से राहत देने की कोशिश कर रही है।
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महंगाई भत्ता क्या है और इसका महत्व क्या है?

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महंगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन का एक अहम हिस्सा है। यह भत्ता बढ़ती महंगाई के हिसाब से कर्मचारियों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करता है। केंद्र सरकार हर दशक में कर्मचारियों के मूल वेतन ढांचे में बदलाव करती है, लेकिन इस बीच महंगाई नियमित रूप से बढ़ती रहती है। इसलिए सरकार महंगाई दर के आधार पर हर छह महीने में भत्ते में संशोधन करती है, ताकि कर्मचारियों की क्रय शक्ति बरकरार रहे।

वर्तमान महंगाई भत्ता प्रणाली

फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में साल में दो बार जनवरी और जुलाई में संशोधन किया जाता है। होली और दिवाली जैसे त्योहारों से पहले मार्च और अक्टूबर में इसकी घोषणा की जाती है। कर्मचारियों की मांग है कि महंगाई भत्ते में साल में चार बार संशोधन किया जाना चाहिए, ताकि बढ़ती महंगाई का असर कम किया जा सके। हालांकि, अब तक सरकार ने इस मांग पर कोई फैसला नहीं लिया है।

महंगाई भत्ते की गणना कैसे की जाती है?

महंगाई भत्ते की गणना में अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़े अहम भूमिका निभाते हैं। श्रम ब्यूरो द्वारा जारी इन आंकड़ों के आधार पर महंगाई भत्ते की गणना की जाती है। वर्तमान में 2016 को आधार वर्ष मानकर गणना की जाती है। कर्मचारियों का मानना ​​है कि उनके महंगाई भत्ते की गणना के लिए एक अलग मुद्रास्फीति सूचकांक तैयार किया जाना चाहिए, जिसमें कर्मचारियों की जरूरतों को विशेष रूप से ध्यान में रखा जाए।

8वें वेतन आयोग में प्रस्तावित बदलाव

आठवें वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में कई महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित किए हैं। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि नया वेतन आयोग लागू होने पर महंगाई भत्ता शुरू में शून्य हो जाएगा। इसके बाद छह महीने की अवधि में बढ़ती महंगाई के हिसाब से भत्ते में बढ़ोतरी की जाएगी। हर नए वेतन आयोग के लागू होने पर यही प्रक्रिया दोहराई जाती है।

गणना प्रक्रिया में संभावित परिवर्तन

महंगाई भत्ते की गणना की प्रक्रिया में भी बदलाव हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महंगाई पर काबू पाने के लिए आधार वर्ष 2016 से बदलकर 2026 किया जा सकता है। इस बदलाव का असर पूरी गणना प्रक्रिया पर पड़ेगा। फिलहाल महंगाई भत्ते की गणना के लिए 2016 को आधार वर्ष माना जाता है, लेकिन बढ़ती महंगाई के चलते इसे 1 जनवरी 2026 से बदला जा सकता है।

महंगाई भत्ते को मूल वेतन में विलय की संभावना

एक और अहम प्रस्ताव यह है कि महंगाई भत्ते को मूल वेतन में शामिल किया जा सकता है। अभी कर्मचारियों को 55% महंगाई भत्ता मिल रहा है और जनवरी 2026 तक यह 60% के आसपास पहुंच सकता है। नए वेतन आयोग का कार्यकाल जनवरी 2026 से शुरू होने की संभावना है। इसके गठन की प्रक्रिया अभी चल रही है और इसे पूरी तरह लागू होने में 15 से 18 महीने लग सकते हैं।

कर्मचारियों की मांगें और अपेक्षाएँ

केंद्रीय कर्मचारियों की मुख्य मांग है कि उन्हें उचित वेतन मिले जो मौजूदा महंगाई के अनुरूप हो। वे चाहते हैं कि महंगाई भत्ते की गणना के लिए एक अलग सूचकांक तैयार किया जाए जो विशेष रूप से सरकारी कर्मचारियों की जरूरतों को ध्यान में रखे। इसके अलावा वे महंगाई भत्ते में संशोधन की आवृत्ति को साल में दो से बढ़ाकर चार करने की मांग कर रहे हैं।

8वें वेतन आयोग का कार्यान्वयन और समयसीमा

आठवें वेतन आयोग के गठन और क्रियान्वयन की प्रक्रिया अभी चल रही है। इसे पूरी तरह लागू होने में 15 से 18 महीने का समय लग सकता है। इस दौरान जनवरी 2026 तक महंगाई भत्ता करीब 60% तक पहुंच सकता है। नया वेतन आयोग लागू होने पर महंगाई भत्ता पहले शून्य किया जाएगा और फिर धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा।

प्रभावित कर्मचारियों की संख्या

इन बदलावों का असर देश के करीब 1.2 करोड़ सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर पड़ेगा। इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों के वेतन में बदलाव का असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। इसलिए सरकार इन बदलावों को लागू करने से पहले सावधानी से विचार कर रही है।

केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में प्रस्तावित बदलावों का उनकी वित्तीय स्थिति पर खासा असर पड़ेगा। आधार वर्ष में बदलाव, महंगाई भत्ते को मूल वेतन में शामिल करना और गणना प्रक्रिया में बदलाव जैसे कदम कर्मचारियों के हित में हो सकते हैं। हालांकि, इन बदलावों को लागू करने के लिए सरकार को कई पहलुओं पर विचार करना होगा। आने वाले समय में इन बदलावों को लेकर और स्पष्टता आने की उम्मीद है।

अस्वीकरण

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। यहाँ दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्र की गई है और समय के साथ इसमें बदलाव हो सकता है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अंतिम और प्रामाणिक जानकारी के लिए संबंधित सरकारी विभागों या आधिकारिक स्रोतों से संपर्क करें। इस लेख में दी गई जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान या हानि के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे।

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