Old pension will be restored after 19 years, employees will be happy

19 साल बाद बहाल होगी पुरानी पेंशन, कर्मचारी होंगे खुश! OPS स्कीम ब्रेकिंग Old pension will be restored after 19 years, employees will be happy

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OPS स्कीम ब्रेकिंग: सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। 19 साल के लंबे अंतराल के बाद पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू करने की तैयारी चल रही है। यह योजना सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली है। इस योजना के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी मिलेगी, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित होगा।

क्या है पुरानी पेंशन योजना (OPS)?

पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनकी आखिरी सैलरी का एक निश्चित प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता है। इस योजना में कर्मचारियों को अपनी सैलरी से कोई अंशदान नहीं करना पड़ता था और पूरी पेंशन सरकार देती थी। इस व्यवस्था ने कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान की, जिससे वे बिना किसी वित्तीय चिंता के अपना जीवन व्यतीत कर सकें।

नई पेंशन योजना (NPS) क्यों शुरू की गई?

1 अप्रैल 2004 को केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर नई पेंशन योजना (एनपीएस) लागू की थी। एनपीएस के तहत कर्मचारियों और सरकार दोनों को अपने वेतन का एक निश्चित प्रतिशत योगदान करना होता है। इस पेंशन योजना में जमा की गई राशि को विभिन्न वित्तीय साधनों में निवेश किया जाता है और रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को एकमुश्त राशि और उसके बाद आजीवन पेंशन मिलती है। हालांकि, इस योजना में पेंशन की राशि बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती है और तय नहीं होती।

कर्मचारी संगठनों द्वारा नई पेंशन योजना का विरोध

सरकारी कर्मचारी संगठन शुरू से ही नई पेंशन योजना का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना ​​है कि यह योजना कर्मचारियों के हितों के खिलाफ है क्योंकि इसमें निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने इस मुद्दे को उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई पत्र लिखे हैं। उन्होंने 12 मार्च 2022, 8 अप्रैल 2023, 24 अप्रैल 2023 और 11 जुलाई 2023 को प्रधानमंत्री से कर्मचारियों को नई पेंशन व्यवस्था से पुरानी पेंशन व्यवस्था में जाने का विकल्प देने की मांग की है।

कुछ राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना को अपनाया

कर्मचारियों के लगातार विरोध को देखते हुए कुछ राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना को फिर से अपनाने का फैसला किया है। हालांकि, इसके क्रियान्वयन में कई तकनीकी दिक्कतें हैं। जिन राज्यों ने फिर से पुरानी पेंशन योजना को अपनाया है, वहां भी नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों द्वारा दिया गया अंशदान अभी तक वापस नहीं किया गया है। यह एक बड़ी चुनौती है, जिसका समाधान निकालना जरूरी है।

चयन का अवसर दिया जाना चाहिए

जेएन तिवारी का कहना है कि 2009 तक केंद्र सरकार ने कुछ विशेष शर्तों पर कर्मचारियों को नई या पुरानी पेंशन योजना में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया था। उनका मानना ​​है कि यह विकल्प सभी कर्मचारियों के लिए खुला होना चाहिए। जिस तरह सरकार ने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को नई पेंशन योजना में शामिल होने का अवसर दिया है, उसी तरह सरकारी कर्मचारियों को भी पेंशन योजना चुनने का अधिकार होना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात

26 अगस्त को जेएन तिवारी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी पुरानी पेंशन योजना पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए एक समिति बनाई है। समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में कोई उचित कार्रवाई की जाएगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार की समिति भी पुरानी पेंशन योजना को अपना समर्थन देने की ओर झुकी हुई है।

नई पेंशन योजना की व्यापकता

सरकार ने नई पेंशन योजना को व्यापक रूप से लागू किया है, जिसमें सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के कर्मचारियों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इस व्यवस्था में बदलाव करना सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है। फिर भी सरकारी कर्मचारियों का मानना ​​है कि उन्हें अपनी पेंशन योजना चुनने का अधिकार मिलना चाहिए और उन्हें जबरन नई पेंशन योजना में नहीं रखा जाना चाहिए।

राजनीतिक प्रभाव का संकेत

जेएन तिवारी ने चेतावनी दी है कि अगर देश और राज्यों के कर्मचारियों को नई पेंशन योजना से पुरानी पेंशन योजना में जाने का विकल्प नहीं दिया गया तो इसके राजनीतिक परिणाम भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को आगामी पांच राज्यों और लोकसभा चुनावों में इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। यह बयान पेंशन मुद्दे के राजनीतिक महत्व को दर्शाता है और यह भी बताता है कि कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर कितने गंभीर हैं।

कर्मचारियों को इससे क्या लाभ होगा?

पुरानी पेंशन योजना की वापसी से सरकारी कर्मचारियों को कई लाभ मिलेंगे। सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि उन्हें रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में एक निश्चित राशि मिलेगी, जो उनके अंतिम वेतन का 50% तक हो सकती है। इससे उनकी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी और वे बिना किसी चिंता के अपना जीवन जी सकेंगे। साथ ही, उन्हें अपने वेतन से कोई अंशदान नहीं करना पड़ेगा, जिससे उनकी वर्तमान आय भी बढ़ेगी।

योजना कब लागू होगी?

पुरानी पेंशन योजना की वापसी की तारीख अभी तय नहीं की गई है। इस संबंध में कोई भी निर्णय केंद्र सरकार की समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही लिया जा सकता है। हालांकि, कर्मचारी संगठनों का दबाव लगातार बना हुआ है और उम्मीद है कि इस संबंध में जल्द ही कोई सकारात्मक घोषणा की जा सकती है। कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे धैर्य रखें और आधिकारिक घोषणा का इंतजार करें।

अस्वीकरण

इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है और पूरी तरह से ऊपर दिए गए स्रोत पर आधारित है। पेंशन योजनाओं से संबंधित नियम और नीतियां समय-समय पर बदल सकती हैं। अधिक सटीक और अद्यतन जानकारी के लिए कृपया संबंधित सरकारी विभाग या आधिकारिक वेबसाइट से संपर्क करें। यह लेख किसी भी तरह की कानूनी या वित्तीय सलाह नहीं देता है। कोई भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले, व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार पेशेवर सलाह लेना उचित है।

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