7वां वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) उनकी आय का अहम हिस्सा है, जो उन्हें बढ़ती महंगाई से राहत दिलाता है. हाल ही में मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया था, जिससे यह 50 फीसदी से बढ़कर 53 फीसदी हो गया है. इस बढ़ोतरी के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, जिनमें सबसे प्रमुख यह है कि क्या बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में शामिल होगा. आज हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि इस मामले पर सरकार का क्या रुख है.
महंगाई भत्ते में 3 फीसदी की बढ़ोतरी
मोदी सरकार ने हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया था. इस बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाला महंगाई भत्ता 50 फीसदी से बढ़कर 53 फीसदी हो गया है. इस बढ़ोतरी से कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि महंगाई लगातार बढ़ रही है और इससे उनकी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी. इस बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों के वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे उनकी क्रय शक्ति में भी सुधार हुआ है।
क्या महंगाई भत्ता मूल वेतन में शामिल किया जाएगा?
केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के बाद एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि क्या यह बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता मूल वेतन में शामिल किया जाएगा। खासकर तब जब महंगाई भत्ता 50 फीसदी की सीमा को पार कर गया है, ऐसी अटकलें तेज हो गई हैं। पांचवें वेतन आयोग के दौरान यह सिफारिश की गई थी कि जब महंगाई भत्ता 50 फीसदी से अधिक हो जाए, तो उसे मूल वेतन में शामिल किया जाना चाहिए। लेकिन बिजनेस टुडे में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने इस मामले में अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
सरकार का रुख
बिजनेस टुडे में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने इस मामले में अपना रुख कायम रखा है कि महंगाई भत्ता 50 फीसदी की सीमा को पार करने पर भी मूल वेतन में नहीं जोड़ा जाएगा। रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि हालांकि पांचवें वेतन आयोग के दौरान यह सिफारिश की गई थी कि महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत से अधिक होने पर उसे मूल वेतन में शामिल किया जाना चाहिए, लेकिन बाद के वेतन आयोगों में इस मुद्दे को शामिल नहीं किया गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि फिलहाल सरकार का बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता मूल वेतन में शामिल करने का कोई इरादा नहीं है।
विशेषज्ञों की राय
इस मुद्दे पर विभिन्न विशेषज्ञों ने भी अपनी राय दी है। इंडसलॉ की पार्टनर देबजानी एच ने ऐसी चर्चाओं को महज अटकलबाजी करार देते हुए कहा है कि बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मूल वेतन में शामिल नहीं किया जाएगा। इसी तरह लूथरा एंड लूथरा लॉ ऑफिस, इंडिया के पार्टनर संजीव कुमार ने भी इस बात की पुष्टि की है कि सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट में इस तरह के किसी उपाय की सिफारिश नहीं की गई थी। इन विशेषज्ञों की राय से यह स्पष्ट होता है कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है जिसके तहत महंगाई भत्ते को मूल वेतन में शामिल किया जाए।
इतिहास में महंगाई भत्ते का मूल वेतन से संबंध
ऐतिहासिक रूप से पांचवें वेतन आयोग के दौरान यह सिफारिश की गई थी कि जब महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत की सीमा को पार कर जाए तो उसे मूल वेतन में शामिल किया जाए। इस सिफारिश का मुख्य उद्देश्य महंगाई के प्रभाव को कम करना और कर्मचारियों की वास्तविक आय में स्थिरता लाना था। लेकिन बाद के वेतन आयोगों में इस प्रावधान को शामिल नहीं किया गया और महंगाई भत्ता अलग से देने की परंपरा जारी रही। मौजूदा सातवें वेतन आयोग में भी ऐसी कोई सिफारिश नहीं की गई है, जिससे यह स्पष्ट है कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए इसका क्या मतलब है?
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते को मूल वेतन से अलग करना कई मायनों में महत्वपूर्ण है। जब महंगाई भत्ता अलग से दिया जाता है, तो सरकार के लिए इसमें बदलाव करना आसान होता है और वह महंगाई की दर के हिसाब से इसे समायोजित कर सकती है। इसके अलावा, अलग से दिए जाने वाले महंगाई भत्ते पर कुछ भत्ते और लाभ लागू नहीं होते हैं, जिससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता। हालांकि, अगर महंगाई भत्ते को मूल वेतन में शामिल किया जाता है, तो इससे कर्मचारियों को ज्यादा फायदा हो सकता है, क्योंकि अन्य भत्ते और पेंशन लाभ मूल वेतन के आधार पर ही निर्धारित होते हैं।
भविष्य में क्या हो सकता है?
हालांकि, फिलहाल सरकार महंगाई भत्ते को मूल वेतन में शामिल करने का इरादा नहीं रखती है, लेकिन भविष्य में यह स्थिति बदल सकती है। अगर महंगाई दर में और बढ़ोतरी होती है और महंगाई भत्ते में और बढ़ोतरी होती है, तो सरकार इस मुद्दे पर पुनर्विचार कर सकती है। साथ ही, जब अगला वेतन आयोग अपनी सिफारिशें देगा, तो उसमें इस मुद्दे पर नए सिरे से विचार किया जा सकता है। लेकिन फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों को यह मानकर चलना चाहिए कि महंगाई भत्ता मूल वेतन से अलग रहेगा।
केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में हाल ही में हुई 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी उनके लिए एक अच्छी खबर है, जिससे उन्हें बढ़ती महंगाई से कुछ राहत मिलेगी। लेकिन जहां तक इस बढ़े हुए महंगाई भत्ते को मूल वेतन में शामिल करने की बात है, तो सरकार और विशेषज्ञों की राय साफ है कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है। 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट में भी ऐसी कोई सिफारिश नहीं की गई है। इसलिए केंद्रीय कर्मचारियों को इस बात से संतुष्ट होना होगा कि उनका महंगाई भत्ता अब 53 प्रतिशत हो गया है, लेकिन यह अलग से मिलता रहेगा।
अस्वीकरण
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। यहां दी गई जानकारी प्रकाशित समाचारों और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। किसी भी नीतिगत निर्णय के लिए आधिकारिक सरकारी अधिसूचनाओं और दिशा-निर्देशों का संदर्भ लें।