2026 वेतन आयोग: केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी देते हुए 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। यह नया वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू होगा, जिससे सरकारी कर्मचारियों के वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है। 31 दिसंबर 2025 को 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त होने के कारण यह निर्णय लिया गया है। इससे लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
नए वेतन आयोग की मुख्य विशेषताएं
हालांकि 8वें वेतन आयोग की पूरी सिफारिशें अभी तक सामने नहीं आई हैं, लेकिन इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना है। सबसे महत्वपूर्ण बिंदु फिटमेंट फैक्टर (एफएफ) है, जिसके आधार पर कर्मचारियों का नया मूल वेतन तय किया जाएगा। विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने फिटमेंट फैक्टर 2.86 की सिफारिश की है, जिससे वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। इस फैक्टर का असर न केवल मौजूदा कर्मचारियों पर बल्कि पेंशनभोगियों पर भी पड़ेगा।
एनसी-जेसीएम स्टाफ साइड के सुझाव
नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (एनसी-जेसीएम) स्टाफ साइड ने केंद्रीय कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार को कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। इनमें फिटमेंट फैक्टर 2.86 लागू करने के साथ-साथ वेतन स्तरों का विलय करने का प्रस्ताव शामिल है। उनकी सिफारिश के अनुसार, मौजूदा 18 वेतनमानों को 1 से 6 तक विलय किया जा सकता है, जिससे कर्मचारियों को बेहतर वेतन मिलेगा और वित्तीय असमानताएं कम होंगी।
वेतनमान विलय का प्रस्तावित मॉडल
प्रस्तावित मॉडल के अनुसार, यदि सरकार वेतनमानों के विलय का फैसला करती है, तो इसे निम्न तरीके से लागू किया जा सकता है। वेतन स्तर 1 (LVL 1) को वेतन स्तर 2 (LVL 2) के साथ, वेतन स्तर 3 (LVL 3) को वेतन स्तर 4 (LVL 4) के साथ और वेतन स्तर 5 (LVL 5) को वेतन स्तर 6 (LVL 6) के साथ विलय किया जा सकता है। इस तरह के विलय से निचले स्तर के कर्मचारियों को अधिक लाभ होगा, क्योंकि उन्हें उच्च वेतन स्तर के अनुसार वेतन मिलना शुरू हो जाएगा।
निचले वेतन स्तर पर प्रभाव
वर्तमान में वेतन स्तर 1 के कर्मचारियों का मूल वेतन 18,000 रुपये है, जबकि वेतन स्तर 2 के कर्मचारियों का मूल वेतन 19,900 रुपये है। वेतनमान विलय होने पर दोनों स्तरों के कर्मचारियों को समान वेतन मिलेगा, जो स्वाभाविक रूप से उच्च स्तर के अनुसार होगा। इससे निचले वेतन स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और उनका जीवन स्तर बेहतर होगा।
फिटमेंट फैक्टर 2.86 का प्रभाव
यदि सरकार फिटमेंट फैक्टर 2.86 को लागू करती है, तो इसका कर्मचारियों के वेतन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उदाहरण के लिए, वेतन स्तर 1 के कर्मचारियों का वर्तमान मूल वेतन 18,000 रुपये है, जिसे 2.86 से गुणा करने पर 51,480 रुपये हो जाएगा। इस वृद्धि से कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ेगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
मध्यम वेतन स्तर पर प्रभाव
वेतन स्तर 3 और वेतन स्तर 4 के विलय से कर्मचारियों को भी महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। वर्तमान में वेतन स्तर 3 के कर्मचारियों का मूल वेतन कम है, लेकिन विलय के बाद उन्हें वेतन स्तर 4 के अनुसार वेतन मिलेगा। फिटमेंट फैक्टर 2.86 लागू करने पर इन दोनों स्तरों के कर्मचारियों का संयुक्त मूल वेतन बढ़कर 72,930 रुपये हो जाएगा। यह वृद्धि उनकी वित्तीय स्थिति को सुधारने में मददगार साबित होगी।
उच्च वेतन स्तर पर प्रभाव
वेतन स्तर 5 और वेतन स्तर 6 के विलय से उच्च पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा। फिटमेंट फैक्टर 2.86 लागू करने पर इन दोनों स्तरों के कर्मचारियों का संयुक्त मूल वेतन 1,01,244 रुपये तक पहुंच जाएगा। यह राशि उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगी और बढ़ती महंगाई से निपटने में उनकी मदद करेगी।
राजकोष पर वित्तीय प्रभाव और दबाव
8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने से राजकोष पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव पड़ने की संभावना है। वेतन में वृद्धि के साथ-साथ भत्ते और पेंशन में भी वृद्धि होगी, जिससे सरकार का खर्च बढ़ेगा। हालांकि, इससे कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया
विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने 8वें वेतन आयोग की घोषणा का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी मांग की है कि इसमें कर्मचारियों के हितों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उनका कहना है कि बढ़ती महंगाई और जीवन-यापन की बढ़ती लागत को देखते हुए फिटमेंट फैक्टर न्यूनतम 2.86 होना चाहिए। उन्होंने वेतनमान विलय की भी जोरदार वकालत की है, ताकि निचले वेतन स्तर के कर्मचारियों को अधिक लाभ मिल सके।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 8वां वेतन आयोग निश्चित रूप से एक बड़ी खुशखबरी है। इससे उनके वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है, जिससे उनके जीवन-यापन के स्तर में सुधार आएगा। हालांकि, अभी इसकी सभी सिफारिशों का खुलासा नहीं किया गया है और फिटमेंट फैक्टर पर भी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। कर्मचारियों को जनवरी 2026 तक इंतजार करना होगा, जब यह नया वेतन आयोग लागू होगा।