होम लोन अपडेट: इस समय लगातार बढ़ती महंगाई के कारण प्रॉपर्टी की कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं। इन बढ़ती कीमतों के कारण ज्यादातर लोगों के लिए अपनी मेहनत की कमाई से घर खरीदना काफी मुश्किल हो गया है। ऐसे में होम लोन ही एकमात्र विकल्प बचता है जिसके जरिए लोग अपने सपनों का घर खरीद पाते हैं। अच्छी खबर यह है कि अगर आप भी अपना घर खरीदने के लिए होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए राहत भरी खबर है।
Now home loans will be cheaper, these banks have cut interest rates Home Loan Update
कई प्रमुख बैंकों ने हाल ही में अपने होम लोन की ब्याज दरों में काफी कटौती की है। इससे न सिर्फ नए ग्राहकों को फायदा होगा, बल्कि पहले से लोन ले चुके ग्राहकों को भी राहत मिलेगी। यह कटौती उन लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है जो लंबे समय से अपने घर का सपना देख रहे थे लेकिन ऊंची ब्याज दरों के कारण हिचकिचा रहे थे। इंडियन बैंक और केनरा बैंक ने दी बड़ी राहत
देश के दो बड़े सरकारी बैंकों – केनरा बैंक और इंडियन बैंक – ने अपने ग्राहकों को बड़ा फायदा देते हुए होम लोन की ब्याज दरों में कटौती की है। दोनों बैंकों ने गुरुवार को अपने रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की। इस कटौती के बाद इन बैंकों से होम लोन और ऑटो लोन लेना पहले के मुकाबले काफी सस्ता हो गया है।
इंडियन बैंक ने अपने होम लोन की ब्याज दर को मौजूदा 8.15 फीसदी से घटाकर 7.90 फीसदी कर दिया है। इसके साथ ही ऑटो लोन की ब्याज दरें भी मौजूदा 8.50 फीसदी से घटाकर 8.25 फीसदी कर दी गई हैं। यह कटौती ग्राहकों के लिए राहत भरी है और इससे उनकी मासिक ईएमआई का बोझ कम होगा।
अतिरिक्त लाभ और रियायतें भी शामिल
सिर्फ ब्याज दरों में कटौती ही नहीं, बल्कि चेन्नई स्थित इंडियन बैंक ने अपने ग्राहकों को अतिरिक्त लाभ देने की भी घोषणा की है। घटी हुई ब्याज दरों के अलावा बैंक ने डिस्काउंटेड प्रोसेसिंग फीस और जीरो डॉक्यूमेंटेशन फीस जैसे लाभ भी देने शुरू कर दिए हैं। इससे होम लोन लेने वाले ग्राहकों को अतिरिक्त बचत होगी।
केनरा बैंक ने भी बयान जारी कर कहा है कि रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में कटौती के साथ ही सभी तरह के लोन की न्यूनतम ब्याज दरें कम कर दी गई हैं। कटौती के बाद अब केनरा बैंक से होम लोन 7.90 फीसदी से शुरू हो रहे हैं, जबकि ऑटो लोन 8.20 फीसदी सालाना दर से शुरू हो रहे हैं।
एसबीआई ने भी ब्याज दरों में संशोधन किया है
कुछ दिन पहले रिजर्व बैंक की नीतिगत दरों में कटौती के बाद देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने भी अपनी उधारी दर में 25 आधार अंकों की कटौती की है। इस कटौती से मौजूदा और नए दोनों तरह के कर्जदारों के लिए लोन लेना आसान हो गया है, जिससे उनकी मासिक किस्तों का बोझ कम होगा।
रेपो रेट में कटौती के बाद एसबीआई की रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (आरएलएलआर) में 25 आधार अंकों की कटौती की गई है। इस कटौती के बाद अब एसबीआई की नई आरएलएलआर 8.25 फीसदी हो गई है। यह कटौती खास तौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो एसबीआई से होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं।
एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट में भी गिरावट
एसबीआई ने न सिर्फ रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट में कटौती की है, बल्कि एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट (ईबीएलआर) में भी इतने ही आधार अंकों की कटौती की है। इस कटौती के बाद एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट घटकर 8.65 फीसदी रह गई है। बैंक के अनुसार, ये नई संशोधित दरें 15 अप्रैल, 2025 से लागू होंगी।
इससे पहले भी कई अन्य बैंकों ने अपने विभिन्न प्रकार के लोन सस्ते किए हैं। इन कटौतियों ने पूरे बैंकिंग क्षेत्र में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा पैदा की है, जिसका सीधा लाभ ग्राहकों को मिल रहा है।
होम लोन लेते समय इन बातों का रखें ध्यान
कई बैंकों द्वारा ब्याज दरों में की गई कटौती अच्छी खबर है, लेकिन होम लोन लेते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, विभिन्न बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करें और अपनी आवश्यकता के अनुसार सबसे अच्छा विकल्प चुनें। न केवल ब्याज दर, बल्कि प्रोसेसिंग फीस, डॉक्यूमेंटेशन चार्ज और प्रीपेमेंट विकल्पों जैसे अन्य पहलुओं पर भी विचार करें।
अपनी पुनर्भुगतान क्षमता का उचित आकलन करें और उसके अनुसार लोन राशि निर्धारित करें। अपनी वित्तीय क्षमता से अधिक लोन कभी न लें। इसके अलावा, होम लोन लेने से पहले अपना क्रेडिट स्कोर जांचें और यदि आवश्यक हो तो इसे सुधारने का प्रयास करें।
ब्याज दरों में कमी का असर
बैंकों द्वारा होम लोन की ब्याज दरों में की गई कटौती का सीधा असर लोन लेने वालों की मासिक ईएमआई पर पड़ेगा। उदाहरण के लिए, यदि आप 20 वर्ष की अवधि के लिए 30 लाख रुपये का होम लोन लेते हैं, तो ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कमी से आपकी मासिक EMI में लगभग 450-500 रुपये की कमी आ सकती है।
यदि हम इसे पूरे लोन अवधि के लिए कैलकुलेट करें, तो यह बचत लगभग 1 लाख रुपये से 1.2 लाख रुपये हो सकती है। इस प्रकार, ब्याज दरों में मामूली कमी भी लंबी अवधि में काफी महत्वपूर्ण बचत का कारण बन सकती है।
भविष्य की संभावनाएँ
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में और भी बैंक अपने होम लोन की ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं। यह प्रवृत्ति ग्राहकों के लिए अनुकूल है और घर खरीदने के इच्छुक लोगों को प्रोत्साहित करेगी। साथ ही, इससे रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा, जिसका अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।
यदि आप होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो यह समय आपके लिए अनुकूल हो सकता है। हालाँकि, सुनिश्चित करें कि आप विभिन्न बैंकों के ऑफ़र का विस्तृत विश्लेषण करें और अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार निर्णय लें।
अस्वीकरण
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। होम लोन लेने से पहले वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें। लेख में बताई गई ब्याज दरें और ऑफर समय के साथ बदल सकते हैं। कृपया निर्णय लेने से पहले संबंधित बैंकों से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें। इस लेख में दी गई जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी प्रकार के नुकसान या देयता के लिए लेखक या प्रकाशक उत्तरदायी नहीं होंगे।